Saturday, 19 August 2017

  • कभी गम, तो कभी खुशी है ज़िन्दगी
    कभी धूप, तो कभी छाँव है ज़िन्दगी . . . . . . .
    विधाता ने जो दिया, वो अद्भुत उपहार है ज़िन्दगी
    कुदरत ने जो धरती पर बिखेरा वो प्यार है ज़िन्दगी . . . . . .
    जिससे हर रोज नये-नये  सबक मिलते हैंयथार्थों का अनुभव कराने वाली ऐसी कड़ी है ज़िन्दगी . . . . . .जिसे कोई न समझ सके ऐसी पहेली है ज़िन्दगीकभी तन्हाइयों में हमारी सहेली है ज़िन्दगी . . . . . . .अपने-अपने कर्मों के आधार पर मिलती है ये ज़िन्दगीकभी सपनों की भीड़, तो कभी अकेली है जिंदगी . . . . . . .
    जो समय के साथ बदलती रहे, वो संस्कृति है जिंदगी खट्टी-मीठी यादों की स्मृति है ज़िन्दगी . . . . . . . .कोई ना जान कर भी जान लेता है सबकुछ, ऐसी है ज़िन्दगी तो किसी के लिए उलझी हुई पहेली है ज़िन्दगी . . . . . . . .जो हर पल नदी की तरह बहती रहे ऐसी है जिंदगी जो पल-पल चलती रहे, ऐसी है हीं ज़िन्दगी . . . . . . . .कोई हर परिस्थिति में रो-रोकर गुजारता है ज़िन्दगी
    तो किसी के लिए गम में  भी मुस्कुराने का हौसला है ज़िन्दगी . . . . . .
    कभी उगता सूरज, तो कभी अधेरी निशा है ज़िन्दगी
    ईश्वर का दिया, माँ से मिला अनमोल उपहार है ज़िन्दगी . . . . . . . .
    तो तुम यूँ हीं न बिताओ अपनी जिंदगी . . . . . . . . 
    दूसरों से हटकर तुम बनाओ अपनी जिंदगी 
    दुनिया की शोर में न खो जाए ये तेरी जिंदगी . . . . . . .
    जिंदगी भी तुम्हें देखकर मुस्कुराए, तुम ऐसी बनाओ ये जिंदगी

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